बिहार में कृषि नवाचार को प्रोत्साहन देने और प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को औरंगाबाद जिले में किसान कल्याण संवाद सह युवा किसान सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस गरिमामय अवसर की अध्यक्षता राज्य के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्विजय कुमार सिन्हा ने की।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बिहार सरकार किसानों को केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि नवाचारकर्ता और निर्णयकर्ता के रूप में सशक्त बना रही है। उन्होंने कहा, कृषक का सम्मान ही राष्ट्र का सम्मान है और किसान का आत्मविश्वास ही बिहार की असली शक्ति है। उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाना है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा जमीन पर उतारने का कार्य किया गया है।
कृषि में डिजिटल और जैविक बदलाव की दिशा में अग्रसर बिहार
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार कृषि क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों में ऐतिहासिक प्रगति कर चुका है। राज्य का कृषि बजट ₹20 करोड़ से बढ़कर ₹3600 करोड़ तक पहुँच गया है। उन्होंने चौथे कृषि रोडमैप (2023-28) की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार जैविक खेती, कृषि स्टार्टअप, निर्यात और डिजिटल सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रही है। अब तक 28 लाख कृषि यंत्र वितरित किए जा चुके हैं, और 51% कृषि भूमि सिंचित हो चुकी है।
सम्मानित हुए जिले के युवा व नवाचारी किसान समारोह में जिले के कई युवा व प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया, जिनकी कृषि क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां रही हैं
ब्रज किशोर मेहता
वर्ष 2012 से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं और किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने स्ट्रॉबेरी प्रोसेसिंग यूनिट और सब्सिडी की माँग रखी।
रंजन कुमार सिंह
कृषि में ड्रोन तकनीक का प्रभावी उपयोग कर रहे हैं।
वीरेंद्र प्रसाद
आदर्श किसान हितार्थ समूह के माध्यम से 150 एकड़ में यंत्रीकृत खेती करवा रहे हैं।
विशाल कुमार (गोह)
संरक्षित खेती में शिमला मिर्च व खीरा का उत्पादन कर प्रति सीजन ₹2 लाख तक लाभ कमा रहे हैं।
नरेश मेहता
150 एकड़ लीज भूमि पर अमरूद (ताइवान रेड व पिंक किस्म) की खेती से 100 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
अभिषेक कुमार व वरुण कुमार
केला व मशरूम की खेती से वार्षिक ₹1.80 लाख का लाभ।
पल्लवी कुमारी
मशरूम की खेती से तीन महीने में ₹60-65 हजार की आय प्राप्त कर रही हैं।
स्थानीय सहभागिता और भविष्य की प्रेरणा
इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान, जनप्रतिनिधि, कृषि विभाग के अधिकारी और किसान संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि बिहार अब परंपरागत खेती से आगे बढ़कर वैज्ञानिक, जैविक और डिजिटल खेती की ओर अग्रसर हो चुका है।