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कृषि समाचार

मखाना को मिला अंतरराष्ट्रीय HS कोड बिहार के सुपरफूड को वैश्विक सम्मान

AgriPress Staff AgriPress Staff
Updated 7 July, 2025 1:17 PM IST
मखाना को मिला अंतरराष्ट्रीय HS कोड बिहार के सुपरफूड को वैश्विक सम्मान

बिहार का परिचित कृषि उत्पाद मखाना अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने अलग पहचान के साथ मौजूद रहेगा। हाल ही में इसे तीन श्रेणियों में बांटकर विशिष्ट HS Codes प्रदान किए गए हैं, जिससे यह वैश्विक बाजार में आसानी से पहचाना जा सकेगा ।


मखाना पॉप- 20081921, मखाना पाउडर/आटा- 20081922, अन्य मखाना उत्पाद- 20081929 इन कोड्स का उद्देश्य मखाना को सुपरफूड श्रेणी में मान्यता देना और इसे अन्य सामान्य फसल उत्पादों से अलग पहचान प्रदान करना है ।


वैश्विक पहचान और पारदर्शिता

HS कोड के माध्यम से मखाना अब विश्व सीमा शुल्क संगठन और कस्टम विभागों में अलग-अलग पहचान के साथ दर्ज होगा, जिससे निर्यात प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी ।


टैक्स और छूट की सुविधा

निर्यात के दौरान सही कोड लगने से कस्टम ड्यूटी कम, टैक्स छूट की सुविधा, और RoDTEP/MEIS जैसे प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा ।


बाजार की स्पष्टता

अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अब स्पष्ट जानकारी मिलेगी कि वेमखाना पॉप, मखाना पाउडर/आटा या अन्य मखाना उत्पाद खरीद रहे हैं। इससे ट्रस्ट बिल्डिंग में मदद मिलेगी ।


फूड प्रोसेसिंग और स्टार्टअप में बल

एजुकेटेड श्रेणियों से स्टार्टअप्स और प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोडक्ट डेवेलपमेंट, क्वालिटी कंट्रोल और ब्रांडिंग के लिए सुविधा मिलेगी ।


किसानों और निर्यातकों को क्या लाभ

कृषि समुदाय को अचूक पहचान बिहार के मखाना उत्पादन को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट श्रेणी मिलेगी । निर्यात श्रृंखला में पारदर्शिता प्रक्रिया तेज होगी, कस्टम क्लियरेंस आसान होगा, और नए बाजार खुलेंगे। सरकारी योजनाओं का लाभ जैसे एपीडा, एफपीओ, स्टार्टअप इंडिया अब लागू करना एवं प्राप्त करना आसान होगा ।


राज्य में नीतिगत कदम और सब्सिडी

बिहार सरकार ने मखाना उत्पादन, प्रोसेसिंग और बागवानी योजनाओं के लिए विभिन्न सब्सिडी पैकेज लागू किए हैं मखाना विकास योजना 2023-24: 75% तक सब्सिडी खेती, भंडारण एवं उन्नत बीजों पर (स्वर्ण वेदेही, सबौर मखाना-1), FPO-संबंधित इकाइयों को 25%, अन्य निवेशकों को 15% अनुदान, माइक्रो इरिगेशन, पॉपिंग मशीन और कॉम्पेक्ट प्रोसेसिंग पर बड़े सब्सिडी पैकेज ।


मखाना की कर्मभूमि

दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार और खगड़िया जैसे जिलों को मखाना उत्पादन का केंद्र माना जाता है । लगभग 80–90% उत्पादन बिहार में होता है ।


मखाने को अलग HS कोड मिलने से यह सिर्फ एक कृषि उत्पाद नहीं, बल्कि अब वैश्विक ब्रांड बन गया है। इससे निर्यात, ट्रेड, टैक्सेशन और बागवानी उद्योगों में व्यापक सुधार की उम्मीद की जा रही है। बिहार के किसानों और उद्यमियों को अब चाहिए लाभ-उन्मुख योजनाओं का लाभ उठाना, प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाना, और वैश्विक बाजार को छूना। यह बदलाव मखाने को बिहार की शान से वैश्विक सुपरफूड तक पहुंचाएगा।