बिहार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत मधुमक्खी पालन पर आधारित दीर्घकालिक प्रशिक्षण के द्वितीय बैच का मूल्यांकन सोमवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण भाकृअनुप–राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुशहरी, मुजफ्फरपुर में 27 फरवरी से 10 मई 2025 तक आयोजित किया गया था, जिसे बामेती, पटना द्वारा प्रायोजित किया गया।
इस विशेष प्रशिक्षण में कुल 24 युवाओं ने भाग लिया और वैज्ञानिक तरीकों से मधुमक्खी पालन सीखने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। मूल्यांकन के दौरान प्रतिभागियों के वैज्ञानिक ज्ञान, व्यावसायिक दक्षता एवं उद्यमिता कौशल की गहन जांच की गई। इस प्रक्रिया में आधुनिक मूल्यांकन तकनीकों का उपयोग किया गया, जिससे प्रत्येक प्रतिभागी की वास्तविक क्षमता का सटीक आकलन संभव हो सका।
प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ. इपसिता साम्ल ने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए मधुमक्खी पालन जैसे लाभकारी एवं रोजगारपरक क्षेत्र में सक्षम बनाना है। मूल्यांकन सत्र के दौरान डॉ. भाग्या विजयन, डॉ. सुनील कुमार, उपज्ञा साह एवं श्याम पंडित की गरिमामयी उपस्थिति रही।
प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों में अरविन्द कुमार, आशा शर्मा, बजरंगी कुमार, दिव्यांशु कुमार, गोविन्द कुमार, हर्ष रंजन, जितेन्द्र कुमार, कुमारी मुँजा, मनोज भगत, मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह, मुस्तुजाब अहमद, नीलू कुमारी, पवन कुमार, प्रमोद कुमार, प्रेम कुमार सिंह, राजीव कुमार, रंजीत कुमार, रिषिका कुमारी, रूपेश कुमार, शशि किरण मिश्रा, शिवम कुमार एवं विकास कुमार शामिल रहे।