बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में शनिवार को 28वीं प्रसार शिक्षा परिषद (Extension Education Council) की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में देशभर के नामी कृषि वैज्ञानिकों, प्रसार विशेषज्ञों, प्रगतिशील किसानों और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, इसके बाद प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. के. सोहाने ने स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय की गतिविधियों और हालिया उपलब्धियों की जानकारी दी।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने कहा
हमारे विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किस्में अब केवल बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर के किसानों के खेतों में उगाई जा रही हैं। किसानों को बीज उत्पादन की प्रक्रिया में शामिल करना ज़रूरी है ताकि तकनीक सीधे खेतों तक पहुंचे।
उन्होंने 'कैंपस टू कम्युनिटी' की संकल्पना को रेखांकित करते हुए कहा कि, शोध और तकनीकी विकास का असली लाभ तभी है जब वह किसान के जीवन को बेहतर बनाए।
धान की नई किस्मों से लेकर पोषण परियोजनाओं तक हुई चर्चा
बैठक में डॉ. अंशुमान कोहली ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित धान की नवीनतम किस्मों पर जानकारी दी।
डॉ. मीनू शशि ने कुपोषण निवारण से जुड़ी परियोजनाओं की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जो विश्वविद्यालय द्वारा महिला एवं बाल स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए चलाई जा रही हैं।
डॉ. के. डी. कोकाटे, पूर्व उपमहानिदेशक (ICAR), ने कहा कि
अगर प्रत्येक गाँव में एक करोड़ रुपये का कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया जाए, तो राष्ट्रीय आय में सात लाख करोड़ रुपये की सीधी वृद्धि हो सकती है। यह भारत को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
बैठक में डॉ. धूम सिंह (पूर्व निदेशक, CSAU&T कानपुर), डॉ. आर. एन. पडरिया (संयुक्त निदेशक, IARI दिल्ली) और डॉ. अंजनी कुमार (निदेशक, ICAR-ATARI पटना) समेत कई विशेषज्ञों ने भाग लिया और KVKs की गतिविधियों की समीक्षा की।
प्रकाशनों का विमोचन और किसान पुस्तकालय की पहल, बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया, जिनमें शामिल हैं (प्राकृतिक खेती एवं स्वास्थ्य KVK भोजपुर एवं रोहतास), प्राकृतिक खेती (KVK मुंगेर), कृषक संदेश (KVK भोजपुर द्वारा प्रकाशित), मोटा अनाज आधारित पुस्तक (KVK पूर्णिया) इसके अलावा नालंदा जिले के प्रगतिशील किसान वीरेश कुमार को BAU द्वारा स्थापित पाँचवें किसान पुस्तकालय के लिए कृषि आधारित पुस्तकों का वितरण किया गया। विश्वविद्यालय की यह पहल किसानों के लिए ज्ञान और तकनीक के नए द्वार खोल रही है।
फील्ड स्तर पर नवाचार पहुँचाने की अपील
बैठक के समापन पर सभी KVKs ने अपने-अपने जिलों की प्रसार गतिविधियों की प्रस्तुति दी, जिस पर विशेषज्ञों ने प्रतिक्रिया दी और आवश्यक दिशा-निर्देश भी साझा किए।
रेडियो जॉकी अन्नू ने पूरे सत्र का संचालन किया
बैठक में मुख्य रूप से यह संदेश सामने आया कि विश्वविद्यालय स्तर पर हो रहे नवाचार तब तक सार्थक नहीं हैं, जब तक वे गाँव-गाँव के खेतों तक न पहुँचें। ‘कैंपस टू कम्युनिटी’ का यही सार है।