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जैविक/प्राकृतिक खेती

किसानों की आमदनी बढ़ाने और जैविक खेती को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार का बड़ा कदम

AgriPress Staff AgriPress Staff
Updated 6 July, 2025 3:51 PM IST
किसानों की आमदनी बढ़ाने और जैविक खेती को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार का बड़ा कदम

बिहार सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने, खेती की लागत घटाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अहम योजना की शुरुआत की है। उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से “पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई, गोबर/बायो गैस एवं व्यवसायिक वर्मी कम्पोस्ट निर्माण इकाई योजना” को बिहार के 38 जिलों में लागू करने की मंजूरी दी है।


राज्य सरकार ने पक्की वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना के तहत 1222.50 लाख रुपये की राशि को मंजूरी

उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस योजना में 75 घन फीट क्षमता वाली एक वर्मी कम्पोस्ट इकाई पर किसानों को 50% या अधिकतम ₹5,000 तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। विशेष रूप से पशुपालन करने वाले किसानों को अधिकतम तीन इकाइयों तक यह लाभ मिल सकेगा। सरकार ने कुल 20,000 वर्मी कम्पोस्ट इकाइयों के निर्माण के लिए ₹10 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को घटाकर जैविक खेती को प्रोत्साहित करना है, जिससे मिट्टी की सेहत में सुधार हो और किसानों की आय में वृद्धि हो सके।


गोबर/बायो गैस संयंत्र योजना के तहत किसानों को मिलेगा ₹22,500 का अनुदान

राज्य सरकार द्वारा स्वच्छ ऊर्जा और पशु अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोबर/बायो गैस संयंत्र योजना की शुरुआत की गई है। योजना के अंतर्गत 2 घन मीटर क्षमता वाले प्रत्येक बायो गैस संयंत्र पर किसानों को ₹21,000 का अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त ₹1,500 की अतिरिक्त राशि मिलाकर प्रति इकाई कुल ₹22,500 का अनुदान निर्धारित किया गया है। सरकार ने इस योजना के तहत 100 बायो गैस संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए ₹22.50 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल कृषि प्रणाली और पशु अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

व्यवसायिक वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना FPO, किसान उत्पादक समूह, स्टार्टअप, NGO और कृषि विज्ञान केंद्र को इस योजना से जोड़ा गया है। इन संस्थाओं को 1000, 2000 और 3000 मीट्रिक टन क्षमता वाली इकाइयों के लिए क्रमशः ₹6.40 लाख, ₹12.80 लाख और ₹20 लाख तक 40% अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए ₹2 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।


किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार का एक और मजबूत कदम

सिन्हा ने कहा कि यह योजना न सिर्फ जैविक खेती को मजबूती देगी, बल्कि ग्राम्य अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। इस पहल से बिहार के किसान आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देंगे।

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