AgriPress

Agriculture News & Updates

© 2025 AgriPress. All rights reserved.

Made with ❤️ by Abhishek Kumar

ग्रामीण उद्योग

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नीरा प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन: टेपर्स की आजीविका सशक्त करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल

AgriPress Staff AgriPress Staff
Updated 6 July, 2025 3:50 PM IST
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नीरा प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन: टेपर्स की आजीविका सशक्त करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने बिहार राज्य के नीरा टेपर्स और विक्रेताओं के जीवनस्तर को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नीरा टेपर्स प्रसंस्करण इकाई का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने टाड़ी टेपर्स, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, प्रशासनिक अधिकारियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इकाई का शुभारंभ किया।



डॉ. सिंह ने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय नीरा प्रसंस्करण क्षेत्र में तकनीक विकसित करने वाली देश की पहली अग्रणी संस्था बन चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्षों की मेहनत और अनुसंधान के बाद सुरक्षित संग्रहण और उच्च गुणवत्ता वाले नीरा उत्पादों की तकनीक सफलतापूर्वक विकसित की गई है। उद्घाटित इकाई की प्रसंस्करण क्षमता 100 लीटर प्रति घंटा है।


90 लाख पाम पेड़ों से नीरा उद्योग का विस्तार संभव

कुलपति डॉ. सिंह ने यह भी रेखांकित किया कि राज्य में 90 लाख से अधिक पाम के पेड़ मौजूद हैं, जिनके सही उपयोग से राज्य में नीरा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने टेपर्स से संवाद करते हुए उन्हें उद्यमिता विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया।



वैज्ञानिकों की मेहनत से विकसित हुई तकनीकें

इस उपलब्धि के पीछे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ. अहमर आफ्ताब, डॉ. वसीम सिद्दीकी, डॉ. शमशेर अहमद और डॉ. विवेक कुमार जैसे वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने नीरा संरक्षण और प्रसंस्करण तकनीक को विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई।


डॉ. वसीम सिद्दीकी ने बताया कि विभाग की प्रसंस्करण लाइनें सामुदायिक उपयोग के लिए भी उपलब्ध हैं, जिससे स्थानीय टेपर्स और युवा उद्यमियों को लाभ मिल सकेगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि टीम ने नीरा पाउडर बनाने की तकनीक विकसित की है, जिसे पानी में घोलकर ताजे नीरा जैसा पेय तैयार किया जा सकता है।



मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना से मिला प्रोत्साहन

यह पूरी पहल मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना के समर्थन के अंतर्गत चल रही है। विश्वविद्यालय ने नीरा संग्रहण को और अधिक सुरक्षित एवं प्रभावी बनाने हेतु विशेष नीरा संग्रहण बॉक्स और पॉलीबैग का डिज़ाइन किया है, जिसे पेटेंट भी करवाया गया है।


बिहार में नीरा उद्योग को मिलेगा नया आयाम

नीरा प्रसंस्करण इकाई की स्थापना बिहार में नीरा आधारित उद्यमिता और उद्योग के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इस पहल से टाड़ी टेपर्स को न केवल स्थायी आय का स्रोत मिलेगा, बल्कि राज्य में ग्रामीण आजीविका और कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।