बिहार के युवाओं को स्वरोजगार के नए विकल्पों से जोड़ने एवं कृषि आधारित व्यवसायों में दक्ष बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल के तहत, भाकृअनुप राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुशहरी, मुजफ्फरपुर द्वारा मधुमक्खी पालन पर आधारित दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का मूल्यांकन समारोह दिनांक 4 जुलाई 2025 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार कृषि प्रबंधन एवं विस्तारण प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), पटना के सहयोग से बिहार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत आयोजित किया गया था, जिसकी अवधि 27 फरवरी 2025 से 10 मई 2025 तक रही। कुल 24 प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया, जिसमें युवाओं एवं महिलाओं की उत्साहजनक भागीदारी रही।
मूल्यांकन का उद्देश्य
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के उपरांत यह मूल्यांकन सत्र प्रतिभागियों की वैज्ञानिक ज्ञान की गहराई, व्यवहारिक दक्षता एवं उद्यमिता कौशल का परीक्षण करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। मूल्यांकन में आधुनिक शैक्षणिक विधियों, तकनीकी परीक्षणों, प्रश्नोत्तरी, समूह चर्चा एवं व्यवहारिक कार्यों के माध्यम से सहभागियों की समझ और कार्यकुशलता की गहन समीक्षा की गई।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को मधुमक्खी पालन जैसे कृषि आधारित व्यवसाय से जोड़ते हुए उन्हें स्वरोजगार के अवसरों की पहचान कराना, वैज्ञानिक तकनीकों से अवगत कराना, उत्पादकता बढ़ाने की विधियों की जानकारी देना और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना था।
प्रमुख समन्वयक एवं उपस्थिति
इस कार्यक्रम की प्रमुख समन्वयक रहीं डॉ. इपसिता साम्ल, वैज्ञानिक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के मूल्यांकन सत्र में विशिष्ट वैज्ञानिकों की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल थे डॉ. सुनील कुमार, डॉ. भाग्या विजयन, डॉ. अशोक धाकड़ कार्यक्रम के संचालन और प्रबंधन में श्री श्याम पंडित ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रशिक्षणार्थी प्रतिभागी
इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागी निम्नलिखित रहे आंचल कुमारी, अनुष्का, छोटू कुमार, दीपक कुमार, फूल कुमारी, काजल कुमारी, कंचन कुमारी, किशन कुमारी, कोमल कुमारी, मुस्कान कुमारी, नंदनी कुमारी, नितीश कुमार, पुष्पांजलि कुमारी, रवीना कुमारी, रेनू कुमारी, सलोनी कुमारी, सान्या कुमारी, सतीश कुमार, सौम्या कुमारी, शिवम कुमार, स्नेहिल भारती, सोनाली कुमारी एवं वीरेन्द्र कुमार।
प्रशिक्षण का सामाजिक व आर्थिक प्रभाव
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में युवाओं की नई पीढ़ी को व्यवसायिक दृष्टिकोण से प्रशिक्षित कर एक ठोस मंच प्रदान किया है। यह प्रशिक्षण ना सिर्फ कृषि आधारित आयवर्धन का साधन बन रहा है, बल्कि ग्रामीण विकास एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।