कृषि विज्ञान केंद्र, जाले में सोमवार को उन्नत गौ पालन एवं बकरी पालन विषय पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरीय वैज्ञानिक डॉ. एस. के. गंगवार (कृषि विज्ञान केंद्र, सुखेत, मधुबनी) ने की।
गौ पालन प्रशिक्षण में जिले के 36 किसानों ने भाग लिया, जबकि बकरी पालन प्रशिक्षण में 32 किसानों की सहभागिता रही। उद्घाटन सत्र में डॉ. गंगवार ने गायों की उन्नत नस्लों की जानकारी दी तथा बिहार के स्थानीय परिवेश में वैज्ञानिक तरीके से गौ पालन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
पशुपालन विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार ने पशुओं में होने वाले सामान्य व संक्रामक रोगों तथा उनके रोकथाम के वैज्ञानिक उपायों की जानकारी दी।
गौ पालन प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. निधि कुमारी ने बताया कि आगामी चार दिनों तक किसानों को उन्नत शेड निर्माण, नस्ल सुधार, खानपान, प्रजनन, और रखरखाव से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
बकरी पालन समन्वयक डॉ. पूजा कुमारी ने कहा, बकरी पालन को गरीबों का एटीएम कहा जाता है। यह कम लागत में अधिक लाभ देने वाला व्यवसाय है। आगामी प्रशिक्षण में बकरी नस्लें, आहार प्रबंधन, प्रजनन और रोग नियंत्रण पर विस्तृत सत्र लिए जाएंगे।
कार्यक्रम में केंद्र के उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार विश्वकर्मा ने चारा फसलों की महत्ता और उनके वैज्ञानिक उत्पादन तकनीक की जानकारी दी, जिससे पशुओं को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराया जा सके।
यह प्रशिक्षण पशुपालन के क्षेत्र में किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है और इसके माध्यम से ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है।